नियति ,नेता ,भूसे का पर्वत और गेंहूँ के दाने

'चुनाव' में 'दो' अच्छे लोग 'ढूंढ़ना' 'भूसे' के पर्वत से दो दाने गेहूँ के 'ढूंढने' जितना ही कठिन काम है  😊।
प्रत्याशी 'दो' प्रकार के होते हैं, एक 'अधिक बुरा'  दूसरा 'अत्यधिक बुरा' ; दोनों में से 'कम बुरा' चुनना ही हमारी 'नियति' है,(जो 'स्त्रीलिंग' शब्द है) और 'नियति' का पुल्लिंग 'नेता' है। 'नियति' और 'नेता' के बीच वोटर 'उभयलिंगी' होकर अंततोगत्वा पाँच वर्षों के लिए 'नपुंसक लिंग' में परिवर्तित हो जाता है ।😊😊😊
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